यस बैंक के शेयरधारकों के लिए एक बड़ी खुशखबरी आने वाली है। जापान की दिग्गज बैंकिंग कंपनी सुमितोमो मित्सुई बैंकिंग कॉरपोरेशन (SMBC) भारत में एक ऐतिहासिक सौदा करने जा रही है। यह सौदा न सिर्फ यस बैंक के भविष्य को बदल देगा, बल्कि भारतीय बैंकिंग सेक्टर में भी नया इतिहास रचेगा।
SMBC ने भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग से यस बैंक में 20 प्रतिशत हिस्सेदारी खरीदने की मंजूरी मांगी है। यह कंपनी सुमितोमो मित्सुई फाइनेंशियल ग्रुप की पूर्ण स्वामित्व वाली subsidiary है। जापान का यह दूसरा सबसे बड़ा बैंकिंग ग्रुप दिसंबर 2024 तक 2 लाख करोड़ अमेरिकी डॉलर की assets का मालिक है।
Record Breaking Investment Expected
इस साल मई में भारतीय स्टेट बैंक और 7 अन्य lenders ने एक बड़ी घोषणा की थी। उन्होंने अपनी संयुक्त 20 प्रतिशत हिस्सेदारी SMBC को बेचने का निर्णय लिया। यह सौदा 13,483 करोड़ रुपये का होगा, जो भारतीय बैंकिंग सेक्टर में सबसे बड़ा cross border investment बनेगा।
सौदा पूरा होने के बाद SMBC यस बैंक का सबसे बड़ा शेयरहोल्डर बन जाएगा। यह विदेशी निवेश का एक नया milestone साबित होगा। लेकिन क्या यह सौदा वास्तव में यस बैंक के शेयरधारकों के लिए फायदेमंद होगा? इसका जवाब आगे मिलेगा।

SBI’s Major Stake Sale
20 प्रतिशत हिस्सेदारी में सबसे बड़ा योगदान SBI का होगा। बैंक अपनी 13.19 प्रतिशत हिस्सेदारी 8,889 करोड़ रुपये में बेचेगा। फिलहाल SBI के पास यस बैंक में 24 प्रतिशत stake है, जो deal के बाद घटकर लगभग 10 प्रतिशत हो जाएगी।
बाकी 6.81 प्रतिशत हिस्सेदारी एक्सिस बैंक, बंधन बैंक, फेडरल बैंक, HDFC Bank, ICICI Bank, IDFC फर्स्ट बैंक और कोटक महिंद्रा बैंक मिलकर बेचेंगे। इसकी कुल वैल्यू लगभग 4,594 करोड़ रुपये होगी। इन बैंकों के लिए यह एक अच्छी exit strategy साबित होगी।
The 2020 Crisis Story
यस बैंक की कहानी बहुत दिलचस्प है। मार्च 2020 में यह बैंक अर्श से फर्श पर आ गया था। RBI को कड़े फैसले लेने पड़े थे। बैंक management अपना revival plan नहीं ढूंढ पा रहा था, जिससे स्थिति और गंभीर हो गई।
RBI ने बैंक के board को भंग कर दिया और SBI के पूर्व CFO प्रशांत कुमार को administrator नियुक्त किया। 3 अप्रैल 2020 तक customers की withdrawal limit 50,000 रुपये कर दी गई। यह यस बैंक के इतिहास का सबसे काला अध्याय था।
Reconstruction Scheme Details
RBI ने SBI को यस बैंक के लिए बैंकों का consortium बनाने को कहा। साथ ही एक दिलचस्प शर्त रखी गई। यस बैंक के मौजूदा shareholders अगले 3 साल तक अपनी 75 प्रतिशत holdings नहीं बेच सकते थे।
SBI ने LIC और अन्य बैंकों के साथ मिलकर 11,000 करोड़ रुपये का निवेश किया। अक्टूबर 2022 में प्रशांत कुमार को बैंक का CEO और MD बनाया गया। यहीं से यस बैंक की recovery story शुरू हुई।
Current Share Performance
30 जून को BSE पर यस बैंक का शेयर 0.79 प्रतिशत बढ़त के साथ 20.35 रुपये पर बंद हुआ। बैंक का market cap अब 64,000 करोड़ रुपये के करीब पहुंच गया है। पिछले 3 महीनों में शेयर ने 20 प्रतिशत की शानदार तेजी दिखाई है।
हालांकि एक साल के perspective से देखें तो शेयर 14 प्रतिशत नीचे है। बैंक के board में भी कुछ बदलाव हुए हैं। नॉन executive director श्वेता जैन ने इस्तीफा दे दिया है। उनकी जगह डी शिवकुमार को additional director नियुक्त किया गया है।
Analysts Remain Skeptical
Goldman Sachs ने हाल ही में यस बैंक के लिए “sell” rating दी है। उनका target price सिर्फ 15 रुपये प्रति शेयर है। शेयर को track करने वाले 11 analysts में से 10 ने “sell” rating दे रखी है। केवल Nomura ने “hold” rating दी है।
लेकिन एक positive news भी आई है। International credit rating agency Moody’s ने यस बैंक की rating Ba3 से बढ़ाकर Ba2 कर दी है। साथ ही outlook को “negative” से बदलकर “stable” कर दिया है। RBI ने CEO प्रशांत कुमार का कार्यकाल 6 महीने बढ़ाने की मंजूरी भी दे दी है।
Financial Performance Turnaround
यस बैंक के financial results काफी encouraging हैं। जनवरी-मार्च 2025 तिमाही में बैंक का standalone basis पर शुद्ध मुनाफा 63 प्रतिशत बढ़कर 738 करोड़ रुपये हो गया। एक साल पहले यह सिर्फ 451.9 करोड़ रुपये था।
वित्त वर्ष 2025 में तो बैंक ने कमाल कर दिया। शुद्ध मुनाफा दोगुना होकर 2,406 करोड़ रुपये तक पहुंच गया। वित्त वर्ष 2024 में यह केवल 1,251 करोड़ रुपये था। यह performance turnaround investors के लिए उम्मीद की किरण है।
Future Outlook
SMBC का यस बैंक में निवेश भारतीय banking sector के लिए एक बड़ा milestone होगा। Japanese banking expertise और technology का फायदा यस बैंक को मिल सकता है। यह partnership बैंक की growth story को नई दिशा दे सकती है।
अगले कुछ महीनों में यह सौदा कैसे आगे बढ़ता है, यह देखना दिलचस्प होगा। क्या यस बैंक के shareholders को इस deal से वास्तव में फायदा होगा? समय ही बताएगा।
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