📉 अमेरिकी बाजार में गिरावट की बड़ी वजह 18 दिसंबर 2024 को अमेरिकी शेयर बाजारों में भारी गिरावट दर्ज की गई। प्रमुख बेंचमार्क इंडेक्स Dow Jones में 1123 अंकों की गिरावट आई और यह 42,336.87 के स्तर पर बंद हुआ। इसके अलावा, Nasdaq इंडेक्स भी 600 अंकों से ज्यादा टूटा।
यह गिरावट इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि Dow Jones ने पिछले 50 सालों में पहली बार लगातार 10 दिनों तक गिरावट दर्ज की है। एक्सपर्ट्स का मानना है कि फेडरल रिजर्व द्वारा 2025 में 4 की बजाय केवल 2 बार रेट कट के अनुमान के कारण बाजार में निराशा देखी जा रही है।
💸 अमेरिकी फेडरल रिजर्व का असर
- अमेरिकी फेडरल रिजर्व बैंक ने 0.25% रेट कट का ऐलान किया है।
- यह कटौती लगातार तीसरी बार की गई है, जिससे निवेशकों का विश्वास डगमगा गया है।
- फेडरल रिजर्व की कॉमेंट्री में महंगाई पर सख्ती बनाए रखने के संकेत दिए गए हैं।
- 2025 में सिर्फ 2 रेट कट की संभावना ने बाजार के मूड को और बिगाड़ दिया है।
इसका असर ग्लोबल मार्केट पर भी देखने को मिला है और भारतीय बाजार पर भी दबाव बन सकता है। खासतौर से आईटी शेयरों पर इसका सीधा असर दिख सकता है।
📊 भारतीय बाजार पर असर
- GIFT Nifty में 300 अंकों की गिरावट देखी गई, हालांकि अभी यह ग्रीन जोन में है।
- विशेषज्ञों का कहना है कि दिन के कारोबार के दौरान भारतीय बाजार में स्थिरता देखने को मिल सकती है।
- आईटी सेक्टर पर दबाव रह सकता है क्योंकि अमेरिकी Nasdaq इंडेक्स में गिरावट आई है।
- इसके अलावा, एशियाई बाजारों में भी अमेरिकी बाजार की गिरावट का असर देखा जा रहा है।
⚠️ अमेरिकी बाजार में गिरावट के प्रमुख कारण
- फेडरल रिजर्व की सख्त कॉमेंट्री: 2025 में केवल 2 बार रेट कट के संकेत और महंगाई पर सख्ती की आवश्यकता ने बाजार को डरा दिया है।
- रेट कट का असर: 0.25% रेट कट के बावजूद बाजार ने इसे सकारात्मक रूप से नहीं लिया और निवेशकों में निराशा बढ़ गई।
📉 आईटी शेयरों पर दबाव क्यों?
- अमेरिकी बाजार में Nasdaq में भारी गिरावट का असर भारतीय आईटी कंपनियों पर पड़ सकता है।
- आईटी शेयरों पर पहले से ही भारी दबाव है और फेडरल रिजर्व की नीति के कारण यह दबाव और बढ़ सकता है।
- विशेषज्ञों का कहना है कि दिन के कारोबार के दौरान आईटी सेक्टर में भारी गिरावट आ सकती है।
🧐 विशेषज्ञों की राय
- विशेषज्ञों का मानना है कि अमेरिकी फेड की कॉमेंट्री ने निवेशकों की उम्मीदों को झटका दिया है।
- भारतीय बाजार पर भी इसका असर दिख सकता है, खासतौर से आईटी, टेक और ग्लोबल एक्सपोजर वाली कंपनियों पर दबाव बना रहेगा।
- दिन के दौरान बाजार में स्थिरता की संभावना जताई जा रही है, लेकिन आईटी सेक्टर पर नजर बनाए रखना जरूरी है।
💡 निष्कर्ष अमेरिकी फेडरल रिजर्व की कॉमेंट्री और रेट कट की घोषणा ने वैश्विक बाजारों में उथल-पुथल मचा दी है। Dow Jones की लगातार 10 दिनों की गिरावट ने निवेशकों की चिंता बढ़ा दी है। इसका सीधा असर भारतीय बाजार और आईटी शेयरों पर पड़ सकता है।
विशेषज्ञों का कहना है कि निवेशकों को बाजार की गतिविधियों पर कड़ी नजर रखनी चाहिए और सोच-समझकर फैसले लेने चाहिए।
📢 डिस्क्लेमर यह लेख केवल सूचनात्मक उद्देश्यों के लिए है। हम किसी भी प्रकार की वित्तीय सलाह या निवेश सलाह नहीं दे रहे हैं। निवेश करने से पहले अपने वित्तीय सलाहकार से परामर्श अवश्य लें।
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