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पृथ्वी की परतें | Layers Of Earth in Hindi

Layers Of Earth in Hindi व Parathvi Ki Parte के बारे में बताया है पृथ्वी की आंतरिक संरचना के बात करते हैं अभी तक इसकी सही जानकारी प्राप्त करना संभव नहीं हो पाया है क्योंकि मानव ने अभी पृथ्वी की आंतरिक भाग को देखा ही नहीं है

Layers Of Earth in Hindi

यदि पृथ्वी की परतों के बारे में बात की जाए तो पृथ्वी की परतों को तीन भागों में बांटा गया है

NumbersLayers
1.Earth Crust
2.Mantle
3.Core

भूपर्पटी | Earth crust in Hindi

पृथ्वी के आंतरिक क्षेत्र में पाई जाने वाली पहली सबसे ऊपरी परत को भूपर्पटी कहा जाता है इसकी मोटाई लगभग 34 किलोमीटर से लेकर 100 किलोमीटर तक होती है

इतनी मोटी मोटी परत दो तत्वों से मिलकर बनी हुई होती है जिनमें सिलिकॉन और एलुमिनियम होता है इस परत में सिलिकॉन और एलुमिनियम की प्रधानता होने के कारण इसे sial कहा जाता है मुझे लगता है की अब आपको Earth crust in Hindi के बारे में अच्छे से पता लग गया होगा

मेंटल | Mantle layer in Hindi

पृथ्वी की आंतरिक गहराई में पाई जाने वाली दूसरी परत को मेंटल कहा जाता है यह परत 34 किलोमीटर से लेकर 2900 किलोमीटर तक फैली हुई होती है यह परंतु सिलिकॉन और मैग्नीशियम की प्रधानता के कारण इस परत को sima कहा जाता है

क्रोड़ | Core Layer in Hindi

पृथ्वी की आंतरिक भाग में जाने पर तीसरी परत पाई जाती है उसे क्रोड़ कहा जाता है इस पर्वत की लंबाई के बारे में देखें तो यह 2900 किलोमीटर से लेकर 6370 किलोमीटर तक लंबी होती है यह सबसे अंतिम परत होती है इस परत को nifi भी कहा जाता है क्योंकि इसमें इसमें निकेल और फेरस दोनों की मात्रा अधिक होती है मुझे लगता है कि अब आपको Layers Of Earth in Hindi व prathvi ki parte के बारे में पता लग गया होगा

Facts About Layers Of Earth in Hindi

अफ्रीका की जो सोने की खदाने है वह भी 3:00 से 4:00 किलोमीटर तक ही गहरी है इससे ज्यादा की गहराई में जाना अभी तक संभव नहीं हो पाया है जैसे-जैसे पृथ्वी की गहराई में जाते हैं तापमान बढ़ता जाता है आज तक की सबसे गहरी ड्रिल की बात करें तो आर्कटिक महासागर के कुल क्षेत्र में 12 किलोमीटर की गहराई तक कि वो पाया है

ज्वालामुखी हमें 60 किलोमीटर से ज्यादा की गहराई की जानकारी नहीं दे पाते हैं कई स्रोतों के माध्यम से भू वैज्ञानिकों ने इसकी संरचना के बारे में पता लगाया है जिनमें कुछ प्राकृतिक स्रोत भी हैं और अप्राकृतिक स्रोत भी ह इस फोटो में भी देखा जाए तो ज्वालामुखी उदगार से वह भूकंप विज्ञान से पता लगाया है इस prithvi ki bhugarbhik sanrachna व Parathvi Ki Parte के बारे में अच्छे से बताया गया है

यदि हमें प्राकृतिक स्रोत की बात करते हैं तो इनमें Density, Pressure व Temperature आदि के माध्यम से पता लगाया गया है

Density Kya Hai

हम Density के बारे में बात करें तो एक निश्चित एरिया के स्थान पर किसी किसी मटेरियल का जितना भी वजन होता है वही उसकी डेंसिटी होती है मुझे लगता है कि अब आपको Density Kya Hai के बारे में पता लग गया होगा

डेंसिटी का रिलेशन डायरेक्टली प्रेशर से होता है यदि डेंसिटी बढ़ती है तो पैसा भी बढ़ता है प्रेशर का रिलेशन टेंपरेचर से होता है वैज्ञानिकों के अनुसार पृथ्वी के बाहर की सतह से यदि हम अंदर या आंतरिक सतह की ओर जाते हैं तो घनत्व में वृद्धि होती है

पृथ्वी की संरचना से सम्बंधित जानकारिया

कुछ विद्वानों ने पृथ्वी से संबंधित सुझाव दिए हैं जैसे कि सर आइजक न्यूटन के अनुसार पृथ्वी नारंगी के समान होती है इसी तरह एक और विद्वान सर जेम्स जीन ने अपनी राय देते हुए बताया है कि पृथ्वी नाशपाती के समान होती है ना कि नारंगी के समान होती है

FAQ’s

लेख में मैंने आपको Layers Of Earth in Hindi व Parthvi ki parte, Density Kya Hai और prithvi ki bhugarbhik sanrachna के बारे में बताया है यदि आलेख आपको अच्छा लगता है तो आप इसे जरूर शेयर करें और आपके मन में इस लेख से संबंधित किसी भी तरह का सवाल है तो आप नीचे दिए गए कमेंट बॉक्स में कमेंट के माध्यम से मुझसे आपका सवाल पूछ सकते हैं आप हमारे अन्य लेख जैसे T Shirt Printing Business in Hindi के बारे में पढ़ सकते है

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