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नई सरकारी छुट्टी का ऐलान, रहेगी स्कूल, कॉलेज की छुट्टियाँ

New government holiday announced, school and college holidays will remain

12 नवंबर को उत्तराखंड में एक खास त्योहार मनाया जाता है जिसे इगास या बूढ़ी दिवाली के नाम से जाना जाता है। इस साल, राज्य सरकार ने इस दिन को सार्वजनिक अवकाश घोषित किया है। इससे प्रदेश के सभी सरकारी कार्यालय, स्कूल, कॉलेज और सार्वजनिक संस्थान बंद रहेंगे। यह अवकाश केवल सरकारी कर्मचारियों के लिए नहीं, बल्कि स्कूली छात्रों और कॉलेज के विद्यार्थियों के लिए भी राहत लेकर आएगा। आइए, इस पर्व और इसके महत्व को विस्तार से समझते हैं।


About Igas Festival

इगास पर्व उत्तराखंड का एक प्रमुख लोक त्योहार है, जो दिवाली के 11 दिन बाद मनाया जाता है। इसे बूढ़ी दिवाली या पुरानी दिवाली भी कहा जाता है। इसके पीछे एक रोचक कथा है:

  • मान्यता है कि भगवान राम के अयोध्या लौटने की खबर उत्तराखंड के पहाड़ी इलाकों में 11 दिन बाद पहुंची थी।
  • इसी कारण, यहां दिवाली के 11 दिन बाद इगास के रूप में उत्सव मनाया जाता है।
  • इस दिन घरों में दीये जलाए जाते हैं और विशेष पकवान बनाए जाते हैं।
  • लोग मशाल जलाकर नृत्य करते हैं जिसे भैलो कहा जाता है।

इगास त्योहार उत्तराखंड की संस्कृति और परंपराओं का अभिन्न हिस्सा है। यह पर्व न केवल परंपराओं को संरक्षित करता है, बल्कि सामुदायिक एकता को भी मजबूत करता है।

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Public Holiday Details

इस साल उत्तराखंड सरकार ने 12 नवंबर 2024 को इगास पर्व के अवसर पर सार्वजनिक अवकाश घोषित किया है। आइए, इस अवकाश की जानकारी को संक्षेप में देखते हैं:

विवरणजानकारी
तिथि12 नवंबर 2024
दिनमंगलवार
अवकाश का कारणइगास पर्व
छुट्टी का प्रकारसार्वजनिक अवकाश
लागू क्षेत्रउत्तराखंड राज्य
बंद संस्थानसरकारी कार्यालय, स्कूल, कॉलेज, बैंक
खुले संस्थानअस्पताल, पुलिस स्टेशन आदि

इस छुट्टी का मतलब है:

  • सभी सरकारी कार्यालय, स्कूल और कॉलेज बंद रहेंगे।
  • बैंक और अन्य वित्तीय संस्थान काम नहीं करेंगे।
  • हालांकि, आवश्यक सेवाएं जैसे अस्पताल, पुलिस स्टेशन, और अग्निशमन सेवाएं चालू रहेंगी।

Uttarakhand Holiday Calendar 2024

उत्तराखंड सरकार ने 2024 का अवकाश कैलेंडर जारी कर दिया है, जिसमें कुल 42 छुट्टियां शामिल हैं:

  • 25 सार्वजनिक अवकाश
  • 17 प्रतिबंधित अवकाश

इन छुट्टियों को राज्य की परंपराओं और त्योहारों को ध्यान में रखकर निर्धारित किया गया है। कुछ प्रमुख अवकाश इस प्रकार हैं:

  • 26 जनवरी: गणतंत्र दिवस
  • 8 मार्च: महाशिवरात्रि
  • 25 मार्च: होली
  • 15 अगस्त: स्वतंत्रता दिवस
  • 2 अक्टूबर: गांधी जयंती
  • 12 नवंबर: इगास पर्व
  • 25 दिसंबर: क्रिसमस

इस कैलेंडर से लोगों को अपनी छुट्टियों की योजना बनाने में मदद मिलती है।


Importance of Igas

इगास पर्व उत्तराखंड की संस्कृति का प्रतीक है। यह त्योहार कई पहलुओं में महत्वपूर्ण है:

  • संस्कृति का संरक्षण: इगास पर्व राज्य की समृद्ध सांस्कृतिक धरोहर को दर्शाता है।
  • सामुदायिक जुड़ाव: यह पर्व लोगों को एकजुट करता है और सामूहिक नृत्य व उत्सव का आयोजन होता है।
  • आर्थिक प्रोत्साहन: त्योहार के दौरान बाजारों में आर्थिक गतिविधियां तेज होती हैं।
  • पर्यटन को बढ़ावा: इस पर्व के दौरान पर्यटक उत्तराखंड की सांस्कृतिक झलक देखने आते हैं।
  • युवा पीढ़ी का जुड़ाव: यह त्योहार युवा पीढ़ी को परंपराओं और संस्कृति से जोड़ने का माध्यम बनता है।

Impact of Public Holiday

12 नवंबर को घोषित सार्वजनिक अवकाश का राज्य के विभिन्न क्षेत्रों पर प्रभाव पड़ेगा:

सरकारी कार्यालय:

  • सभी सरकारी कार्यालय बंद रहेंगे।
  • जनता से जुड़े कार्य अगले दिन तक स्थगित रहेंगे।

शैक्षणिक संस्थान:

  • स्कूल और कॉलेज बंद रहेंगे।
  • छात्रों और शिक्षकों को एक दिन की छुट्टी मिलेगी।

बैंकिंग सेवाएं:

  • बैंक शाखाएं बंद रहेंगी।
  • ऑनलाइन बैंकिंग सेवाएं चालू रहेंगी।
  • एटीएम सेवाएं सुचारू रूप से जारी रहेंगी।

व्यापारिक गतिविधियां:

  • छोटे व्यापार और दुकानें बंद रह सकती हैं।
  • शॉपिंग मॉल और ऑनलाइन स्टोर्स खुले रहेंगे।

यातायात सेवाएं:

  • सरकारी बस सेवाएं सीमित रह सकती हैं।
  • टैक्सी और ट्रेन सेवाएं सामान्य रूप से उपलब्ध रहेंगी।

स्वास्थ्य सेवाएं:

  • अस्पताल और क्लीनिक खुले रहेंगे।
  • आपातकालीन सेवाएं 24×7 चालू रहेंगी।

पर्यटन:

  • पर्यटक स्थलों पर भीड़ बढ़ सकती है।
  • होटल और रेस्तरां सामान्य रूप से काम करेंगे।

Conclusion

इगास पर्व उत्तराखंड की संस्कृति, परंपरा और सामुदायिक भावना का प्रतीक है। 12 नवंबर को सार्वजनिक अवकाश घोषित करना केवल एक प्रशासनिक कदम नहीं है, बल्कि राज्य की सांस्कृतिक धरोहर को सम्मान देने का प्रयास भी है।

यह अवकाश लोगों को अपनी जड़ों से जुड़ने, परिवार के साथ समय बिताने और त्योहार का आनंद उठाने का मौका देता है। उत्तराखंड सरकार का यह निर्णय राज्य की परंपराओं को संरक्षित रखने और सामूहिक उत्सव की भावना को बढ़ावा देने का प्रतीक है।

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