Regulating ACT 1773 in Hindi [हिंदी में जानकारी]
मैंने इस लेख के माध्यम से आपको Regulating ACT 1773 in hindi के बारे में बताया है यह टॉपिक कई बड़ी परीक्षाओ में आता है UPSC की तैयारी करने वाले छात्रों के लिए यह बहुत उपयोगी है व उनकी परीक्षा में भी कई बार इस टॉपिक से क्वेश्चन आ जाते है
regulating act 1773के समय ब्रिटेन के प्रधानमंत्री लार्ड नॉर्थ कुक थे उन्होंने सबसे पहले रेगुलेटिंग बिल को पास किया यह बिल 18 मई 1773 को ब्रिटिश संसद में पेश किया गया इस बिल्कुल सबसे पहले हाउस ऑफ कॉमंस में पेश किया गया इसे हाउस ऑफ कॉमंस में से 10 जून 1773 को पास कर दिया 19 जून 1773 को इसे हाउस ऑफ लॉर्ड्स ने पास किया
Table of Contents
Regulating ACT 1773 आने के कारण
- 1757 से 1764 के बीच घटी घटनाएं
Battle of Plassey in Hindi
23 जून 1757 को प्लासी का युद्ध लड़ा गया यह युद्ध बंगाल के नवाब सिराजुद्दौला अंग्रेजों के बीच लड़ा गया इसमें सिराजुद्दौला के सेनापति मीर जाफर ने अंग्रेजो के साथ मिल गया उसने सिराजुद्दौला के साथ धोखाधड़ी की युद्ध को हार गया प्लासी के युद्ध को अंग्रेजों की पहली जीत माना जाता है मुझे लगता है की आपको इस टॉपिक से सम्बंधित कई सवाल जैसे Battle of Plassey in hindi, battle of plassey explain in hindi, plasi ka yudh kab hua tha, plasi ka yudh in hindi आदि के जबाब मिल गये होंगे
battle of buxar in hindi
बक्सर का युद्ध 22 अक्टूबर 1764 को लड़ा गया था इस युद्ध में तीन संयुक्त सेना मीर कासिम बंगाल के नवाब सुजाउद्दोला मुगल सम्राट शाह आलम द्वितीय की अंग्रेजों से हार हुई अंग्रेजों की जीत हुई तथा उन्हें बंगाल बिहार तथा उड़ीसा पूर्ण रूप से मिल गया उसकी दीवानी प्राप्त हो गई एक और अधिकार मिला जिसके तहत वह अवध व सभी मुगल राज्यों में फ्री ट्रेड मुक्त व्यापार कर सकते थे मुझे लगता है की आपके मन में आये कई सवाल जैसे battle of buxar in hindi, baksar ka yudh in hindi, plasi aur baksar ka yudh, baksar war in hindi आदि सवालो के जबाब मिल गये होंगे
प्लासी तथा बक्सर के युद्ध के बाद कंपनी के पास कई जगह की दीवानी आ गई कंपनी मनमाने ढंग से कार्य करने लगी तथा शोषण भी करने लगी इसलिए ब्रिटिश संसद ने इसमें अपनी रुचि दिखाई तथा पार्लियामेंट में बैठे सदस्यों ने ईस्ट इंडिया कंपनी के कार्यों को खंगालना शुरू किया उन्होंने देखा ईस्ट इंडिया कंपनी भारत के लोगों का अत्यधिक शोषण कर रही है इसलिए उन्होंने कंपनी पर नियंत्रण स्थापित करने का निर्णय लिया
ब्रिटेन के कानून के अनुसार कोई भी व्यक्ति ब्रिटेन के बाहर अर्थात यूरोप के बाहर किसी भी देश में व्यापार कर सकता है परंतु वहां पर भू अधिकार नहीं कर सकता परंतु ईस्ट इंडिया कंपनी ने ऐसा किया था इसलिए ब्रिटिश पार्लियामेंट के लोगों ने ईस्ट इंडिया कंपनी को इस नियम से ज्ञात करवाया ईस्ट इंडिया कंपनी ने इंग्लैंड की सरकार के प्रति यह जाहिर किया कि उन्होंने भारत में कुछ क्षेत्रों की सिर्फ दीवानी प्राप्त की है उन क्षेत्रों पर भू अधिकार नहीं किया है कंपनी के भ्रष्टाचार तथा शोषण को देखकर ब्रिटिश संसद में वहां पर नियंत्रण स्थापित करने तथा कंपनी के नियमों में सुधार करने का निर्णय लिया व इसी के कारण regulating act को पास कर रेगुलेटिंग एक्ट बनाया गया
बंगाल की जनता की दुर्दशा 1765 से 1772 तक की कानून व्यवस्था आदि खराब हो गई थी सन 1770 में बंगाल में एक भीषण अकाल पड़ा यह माना जाता है कि सकाल में बंगाल की लगभग 25% जनसंख्या मारी गई परंतु ईस्ट इंडिया कंपनी ने इसी समय टैक्स रेट को बढ़ा दिया ईस्ट इंडिया कंपनी अत्यधिक शोषण करने लगी तथा कंपनी के अधिकारी अत्यधिक धन जमा करने लगे मुझे लगता है की आपको इस लेख के माध्यम से regulating act 1773 in hindi, Regulating ACT 1773 in Hindi NCERT, 1773 ka regulating actआदि के बारे में पता लगा होगा
कंपनी का दिवालियापन
सन 1764 में बक्सर के युद्ध के पश्चात कंपनी ने बंगाल बिहार तथा उड़ीसा की दीवानी प्राप्त कर ली इसके बाद रॉबर्ट क्लाइव ने यह अनुमान लगाया कि कंपनी लगभग सालाना 40 लाख पोंड तक की कमाई कर सकती है अधिकारियों के वेतन संबंधी सभी खर्चों को काटने के बाद भी कंपनी 165000 पोंड की बचत करेगी
कंपनी ने 1766 ईस्वी में अपने लाभांश की दर को 6% से बढ़ाकर 10% कर दिया इसके बाद इंग्लैंड के लोगों ने अपना पैसा कंपनी में लगाना शुरू कर दिया सन 1767 में कंपनी ने अपनी लाभांश की दर को एक बार पुनः बढ़ाया व इसे 10% से बढ़ाकर 12:30% तक कर दिया इसके बाद पार्लियामेंट में बैठे लोगों ने ने भी अपना पैसा इसमें लगाना शुरू कर दिया कंपनी इस समय अत्यधिक पैसा कमा रही थी इसे देखकर ब्रिटिश सरकार ने कंपनी से पैसा वसूलने का निर्णय किया उसने कंपनी से कहा कि वह ब्रिटिश सरकार को वार्षिक किराया दें जब कंपनी ने वार्षिक किराया देने से मना किया तो ब्रिटिश सरकार ने ईस्ट इंडिया कंपनी को अपने एक नियम का हवाला दिया तथा यह कहा कि उन्होंने भारत में भू अधिकार किया है तथा उन पर कार्यवाही की जाएगी वह वापस इंग्लैंड आ जाए जब ब्रिटिश सरकार ने ईस्ट इंडिया कंपनी से वापस आने के लिए कहा तो कंपनी ब्रिटिश सरकार को वार्षिक किराया देने के लिए मान गई तथा वापस आने से मना कर दिया ब्रिटिश सरकार ने ईस्ट इंडिया कंपनी से 10% की दर से वार्षिक खिराजमांगी इस लेख में आपको east india company in hindi, east india company kya hai आदि चीजों के बारे में भी बताया गया है
कंपनी को ब्रिटिश सरकार को सालाना 400000 पॉन्ड देने थे कंपनी इसके लिए तैयार हो गई और कंपनी नहीं है कार्य कुछ सालों तक किया मैं कुछ सालों बाद कंपनी दिवालिया हो गई घाटे में आने के बाद कंपनी ने पार्लियामेंट से 1000000 का लोन मांगा कंपनी में पार्लियामेंट के लोगों का भी पैसा लगा हुआ था इसलिए संसद के लोगों ने कंपनी की जांच करने का निर्णय किया तथा इसके लिए उन्होंने संसदीय जांच कमेटी का गठन किया इसमें दो कमेटी बनी थी पहली सेलेक्ट कमेटी में दूसरी सीक्रेट कमेटी सेलेक्ट कमेटी ने 12 रिपोर्ट बनाई अर्थात कुल मिलाकर 18रिपोर्ट तैयार हूं जांच कमेटी ने तुरंत यह रिपोर्ट संसद में प्रस्तुत की पार्लियामेंट को पता लगा कंपनी अत्यधिक भ्रष्ट हो गई है इसलिए संसद में कंपनी पर नियंत्रण स्थापित करने का निर्णय लिया उन्होंने कंपनी को 1000000 पॉन्ड की जगह 1400000 पाउंड लोन देने का निर्णय लिया परंतु उन्होंने इसके साथ ही एक और शर्त लगा दी कि कंपनी को उन्हें 1400000 पॉइंट का प्रतिवर्ष 4% ब्याज देना होगा ब्रिटिश पार्लियामेंट की शर्तें कुछ इस प्रकार थी
मैंने इस लेख के माध्यम से regulating act 1773 in hindi, Regulating act 1773 kya hai के बारे में बताया है यदि यह लेख आपको अच्छा लगा है तो आप इसे शेयर कर सकते है आपके मन में इस लेख से सम्बंधित किसी भी तरह का सवाल है तो आप निचे दिए गये कमेंट बॉक्स में कमेंट के माध्यम से हमसे सवाल भी पूछ सकते है मैं आपके द्वारा पुछे गये सवालो के जबाब जरुर दूंगा व आपकी सहायता जरुर करूँगा