ऑटो सेक्टर की प्रमुख कंपनियों टाटा मोटर्स (Tata Motors) और महिंद्रा एंड महिंद्रा (M&M) को वित्त वर्ष 2024 के लिए 246 करोड़ रुपये का इंसेंटिव मिलने वाला है
पीएलआई स्कीम (Production Linked Incentive Scheme) के तहत यह इंसेंटिव चालू वित्त वर्ष 2024-25 की चौथी तिमाही, यानी जनवरी-मार्च 2025 में दिया जाएगा
टाटा मोटर्स ने अपनी बढ़ी हुई बिक्री के आधार पर ₹142.13 करोड़ का दावा किया है, जबकि महिंद्रा एंड महिंद्रा ने ₹104.08 करोड़ का इंसेंटिव क्लेम किया है
हैवी इंडस्ट्रीज एंड स्टील मिनिस्टर एचडी कुमारास्वामी ने कहा कि देश में ऑटो मैन्युफैक्चरिंग को लेकर OEMs (Original Equipment Manufacturers) ने प्रभावी काम किया है।
PLI Scheme के तहत कितना मिलता है इंसेंटिव?
इस योजना के तहत ऑटो कंपनियों को इलेक्ट्रिक वाहन (EVs) और हाइड्रोजन फ्यूल सेल्स से जुड़े कंपोनेंट्स के लिए 13-18% इंसेंटिव मिलता है। वहीं, अन्य एडवांस्ड ऑटोमोटिव टेक्नोलॉजी (AAT) कंपोनेंट्स पर 8-13% इंसेंटिव दिया जाता है।
PLI Scheme के प्रभाव
सरकारी आंकड़ों के अनुसार, पीएलआई स्कीम के चलते ऑटो सेक्टर में अब तक ₹20,715 करोड़ का निवेश हुआ है। इस निवेश ने बिक्री में ₹10,472 करोड़ का इजाफा किया है
यह स्कीम कार कंपनियों के लिए इंसेंटिव का पहला वित्त वर्ष है और यह योजना वित्त वर्ष 2029 तक जारी रहेगी। कई अन्य कंपनियां भी जल्द ही इस योजना के तहत ऑटो और ऑटो कंपोनेंट्स का प्रोडक्शन शुरू करने वाली हैं।
PLI Scheme का उद्देश्य
PLI स्कीम का उद्देश्य भारत में मैन्युफैक्चरिंग बढ़ावा देना और स्थानीय उत्पादन को प्रोत्साहित करना है। खासतौर पर, ऑटो सेक्टर में यह स्कीम ईवी और AAT जैसे उभरते क्षेत्रों को सपोर्ट करती है। यह योजना भारत को आत्मनिर्भर बनाने और विदेशी निवेश को आकर्षित करने के उद्देश्य से लागू की गई है।
डिस्क्लेमर: यह जानकारी शैक्षिक उद्देश्यों के लिए है। किसी भी वित्तीय निर्णय से पहले विशेषज्ञ की सलाह लें।