📉 शुरुआती कारोबार की स्थिति शुक्रवार के कारोबारी सत्र में शेयर बाजार में गिरावट दर्ज की गई। विदेशी निवेशकों (FII) द्वारा भारी बिकवाली और वैश्विक बाजारों के दबाव के चलते सेंसेक्स और निफ्टी दोनों में गिरावट आई।
- सेंसेक्स: 214.08 अंक की गिरावट के साथ 79,003.97 पर आ गया।
- निफ्टी: 63.8 अंक गिरकर 23,887.90 पर पहुंच गया।
📊 टॉप लूजर और गेनर स्टॉक्स
लूजर स्टॉक्स (जिनके शेयर में गिरावट आई):
- एक्सिस बैंक
- टेक महिंद्रा
- इंडसइंड बैंक
- जेएसडब्ल्यू स्टील
- आईटीसी
- लार्सन एंड टुब्रो (L&T)
- अल्ट्राटेक सीमेंट
- एचडीएफसी बैंक
गेनर स्टॉक्स (जिनके शेयर में बढ़त हुई):
- टाइटन
- एनटीपीसी
- बजाज फाइनेंस
- भारती एयरटेल
- टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (TCS)
- मारुति
📉 एफआईआई की बिकवाली का प्रभाव दिसंबर की शुरुआत में FII (Foreign Institutional Investors) खरीदारी कर रहे थे, लेकिन अब उन्होंने बिकवाली शुरू कर दी है। इस सप्ताह एफआईआई ने ₹12,229 करोड़ की बिकवाली की, जिससे बाजार में तेज गिरावट आई। इस बिकवाली का सीधा असर लार्ज कैप स्टॉक्स पर पड़ा, जिनमें महत्वपूर्ण गिरावट देखी गई है।
🧐 एक्सपर्ट की राय जियोजित फाइनेंशियल सर्विसेज के प्रमुख निवेश रणनीतिकार वी के विजयकुमार ने बताया कि “एफआईआई की रणनीति में बदलाव के कारण बाजार में अस्थिरता देखी जा रही है।” उनका मानना है कि जब तक एफआईआई की बिकवाली जारी रहेगी, तब तक बाजार दबाव में रहेगा।
🌐 ग्लोबल मार्केट का हाल
- एशियाई बाजार:
- सियोल: गिरावट के साथ कारोबार कर रहा था।
- टोक्यो, शंघाई और हांगकांग: बढ़त के साथ कारोबार कर रहे थे।
- वॉल स्ट्रीट: गुरुवार को मिश्रित रुख के साथ समाप्त हुआ।
- क्रूड ऑयल: वैश्विक तेल बेंचमार्क ब्रेंट क्रूड की कीमत 0.69% गिरकर $72.38 प्रति बैरल हो गई।
- विदेशी संस्थागत निवेशक (FII): गुरुवार को FII ने ₹4,224.92 करोड़ की इक्विटी बेची, जो बाजार के लिए एक बड़ा झटका था।
💹 करेंसी मार्केट में हलचल
- रुपया: इंटरबैंक विदेशी मुद्रा बाजार में रुपया ₹85.07 पर खुला, जो पिछले बंद से 6 पैसे मजबूत है। बाद में यह ₹85.10 पर कारोबार कर रहा था।
- डॉलर का प्रभाव: यूएस फेड की ब्याज दर में कटौती के बाद डॉलर मजबूत हुआ है, जिससे भारतीय मुद्रा पर दबाव बना है।
🔍 मुख्य कारण और निष्कर्ष
- एफआईआई की बिकवाली: विदेशी निवेशकों द्वारा ₹12,229 करोड़ की बिकवाली ने भारतीय शेयर बाजार को कमजोर किया।
- ग्लोबल मार्केट का प्रभाव: एशियाई और अमेरिकी बाजारों में मिला-जुला रुख था, जबकि क्रूड की कीमतों में गिरावट ने भी दबाव बनाया।
- डॉलर की मजबूती: यूएस फेड की ब्याज दर में कटौती के कारण डॉलर मजबूत हुआ, जिससे भारतीय मुद्रा कमजोर हुई।
📢 डिस्क्लेमर: यह लेख केवल सूचनात्मक उद्देश्यों के लिए है। हम किसी भी प्रकार की फाइनेंशियल सलाह या निवेश सलाह नहीं देते हैं। निवेश करने से पहले अपने वित्तीय सलाहकार से परामर्श अवश्य लें।