Class 11 Accounts Chapter 1 Notes in Hindi
Class 11 Accounts Chapter 1 Notes in Hindi, Introduction to Accounting class 11, accounting terminology [लेखांकन का सामान्य परिचय, क्लास 11 अकाउन्ट्स चैप्टर 1 नोट्स]
Table of Contents
लेखांकन की परिभाषा
लेखांकन व्यवसायिक लेन देनों एवं घटनाओं जो कि पुर्णरूप से या आंशिक रूप से वित्तिय प्रकृति के होते हैं। उन्हें के रूप में प्रभावशाली ढंग से लिखने, र्गीकृत करने, संक्षेप मे व्यक्त करने की विश्लेषणात्मक व्याख्या करने एव उनके परिणामों की कला है।
लेखांकन के उपयोगकर्ता
लेखांकन सूचना के उपयोगकर्ताओं को दो भागों में बाटा जा सकता है
- आंतरिक उपयोगकर्ता
- बाह्य उपयोगकर्ता
लेखांकन का उद्देश्य या उपयोग
- व्यवसाय के हानि की जानकारी प्रदान करना
- लाभ व्यवसाय की आर्थिक स्थिति की जानकारी प्रदान करना
- व्यवसाय की सम्पत्तियों की जानकारी प्रदान करना
- आर्थिक निर्णय लेने के लिए सूचना उपलब्ध कराना
- व्यावसायिक लेन देन का हिसाब रखना
लेखांकन की विशेषतायें
- विश्वषनियता
- प्रासंगिकता
- बौद्धगम्यता
- तुलनियता

लेखांकन की आधारभूत परिभाषित शब्द
लेन देन का अर्थ
दो या दो से अधिक व्यवसायिक इकाईयो के बीच कोई घटना ( क्रय / विक्रय) जिसका कुछ मुल्य होता है लेन देन कहलाता है
पूंजी का अर्थ
स्वामी द्वारा व्यवसाय मे विनियोजित किया गया धन पुंजी कहलाती है यह व्यवसाय के लिए दायित्व होता है
आहरण का अर्थ
व्यवसाय के स्वामी द्वारा निजी प्रयोग के लिए व्यवसाय से निकाला गया धन या मात अहरण कहलाता है
देनदार का अर्थ
वे व्यक्ति, फर्म या संस्थाएं जिन्हें उधार माल बेचा गया है अथवा जिनपर व्यवसाय की राशि बकाया हो देनदार कहलाते हैं। देनदार व्यवसाय के लिए सम्पत्ति होते हो
लेनदार का अर्थ
वे व्यक्ति, फर्म, या संस्थाएँ जिनसे उधार माल क्रय किया गया हो अथवा जिन्हें व्यवसाय द्वारा राशि चुकायी जानी हो लेनदार कहलाते ये व्यवसाय के लिए दायित्व होते है
माल का अर्थ
वे वस्तुएं जिनका व्यवसाय में कारोबार किया जाता है अथवा क्रय विक्रय किया जाता है माल कहलाता है
रहतीया का अर्थ
किसी निश्चित तिथि को व्यवसाय में उपस्थित बिना बिके हुए माल के मूल्य को रहतिया कहा जाता है
प्रमाणक का अर्थ
वे सभी प्रलेख जो व्यवसाय में लेन देन की सत्यता को दर्शाया जाता है प्रमाणक कहलाते है जैसे – बीजक, रशिद आदि
क्रय का अर्थ
एक व्यवसाय द्वारा नकद या उधार प्राप्त माल का कुल मूल्य क्रय होता है इसे क्रय कहा जाता है
बट्टा का अर्थ
माल के अंकित मूल्य में की गई कटौती या कमी को बट्टा या छूट कहलाता है छूट 2 प्रकार की होती है
- व्यापारिक छूट
- नकद छूट
व्यय
व्यवसाय में आगम अर्जित करने की प्रक्रिया में आने वाली लागत को व्यय कहा जाता है
आगम
ग्राहकों को माल की बिक्रिया दी गई सेवाओ के बदले जो धन राशी प्राप्त होती है उसे आगम कहा जाता है
लाभ
आगम का व्यय पर अधिक्य लाभ कहलाता है
हानि
व्यय का आगम पर अधिक्य हानि कहलाता है
परिसंपित्तिया
व्यवसाय में विधमान मूर्त अथवा अमूर्त अधिकार जिनका व्यापर के सवामी के लिए आर्थिक मूल्य हो परिसंपत्तिया कहलाती है ये व्यवसाय चलाने में सहायक होती है इन्हें दो भागो में बाटा जा सकता है
स्थायी परिसंपत्तिया
जिनका व्यवसाय में दीर्घकाल तक उपयोग होता है एवं जिनका उपयोग लाभ कामाने की क्षमता में वृद्धि करने के लिए किया जाता है स्थायी परिसंपत्तिया कहलाती है जैसे – Building, Furniture, Machine आदि
चालू परिसंपत्तिया
वे परिसंपत्तिया जो व्यवसाय में अल्प समय के लिए होती है अथवा जो एक वर्ष की अवधि या उससे पहले ही नकद में परिवर्तित हो जाती है चालू परिसंपत्तिया कहलाती है जैसे – Cash, Debtors, Bank Balance आदि
देयाताएँ या दायित्व
वे देनदारियाँ या ऋण जिनका भुगतान बाह्य पक्षकारो को करना होता है देयताएं कहलाते है देयताओ को 2 भागो में बाटा जा सकता है
दीर्घकालीन देयताएं
वे देयताएं जिनका भुगतान 1 वर्ष से अधिक समय में किया जाता है दीर्घकालीन देयताएं कहलाती है जैसे – Bank Loan
अल्पकालीन देयताएं
वे देयताएं जिनका भुगतान 1 वर्ष या उससे कम समय में किया जाना हो उसे अल्पकालीन देयताएं कहते है जैसे – Creditors, Outstanding Expenses
इस लेख में Class 11 Accounts Chapter 1 Notes in Hindi, Introduction to Accounting class 11 के बारे में बताया गया है साथ ही accounting terminology के बारे में जानकरी दी गयी है यदि यह लेख आपको अच्छा लगता है तो आप इसे जरुर शेयर करे इस लेख से सम्बंधित किसी भी तरह का सवाल आपके मन में है तो आप निचे दिए गये कमेंट बॉक्स में कमेंट के माध्यम से पूछ सकते है
FAQ’s on Class 11 Accounts Chapter 1
लेखांकन किसे कहते है?
लेखंकान एक ऐसी प्रक्रिया है जिसके माध्यम से व्यावसायिक लेन देनो को या फिर वित्त से सम्बंधित घटनाओ को मुद्रा के रूप में लिखा जाता है वर्गीकृत किया जाता है एवं परिणामो का विश्लेषण किया जाता है
परिसम्पत्तियो के कितने प्रकार होते है?
परिसंपत्तियों को मुख्य रूप से 2 भागो में बाटा गया है
स्थायी परिसंपत्तिया
चालू परिसंपत्तिया
I ma not that much of a online reader to be honest but your blogs really nice, keep it up! I’ll go ahead and bookmark your website to come back later on. Cheers
Thanks Health Life Line For Valuable Comment.
Very informative.